Public Holiday 2025: पंजाब सरकार ने 31 जुलाई 2025 गुरुवार को राज्यभर में आरक्षित अवकाश घोषित किया है। यह अवकाश शहीद ऊधम सिंह के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में घोषित किया गया है। यह दिन उन अमर क्रांतिकारियों में से एक की याद में मनाया जाता है। जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान की आहुति दी थी।
सरकार ने घोषित की 31 जुलाई को आरक्षित छुट्टी
पंजाब सरकार ने 2025 के अवकाश कैलेंडर में 28 आरक्षित छुट्टियों की घोषणा की है, जिनमें 31 जुलाई की यह छुट्टी भी शामिल है। यह अवकाश उन सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों पर लागू होता है, जो राज्य सरकार के अधीन आते हैं। शहीद ऊधम सिंह की शहादत को याद करने और उनके बलिदान को सम्मान देने के उद्देश्य से यह अवकाश घोषित किया गया है, जो हर वर्ष 31 जुलाई को मनाया जाता है।
शहीद ऊधम सिंह
ऊधम सिंह का नाम भारतीय इतिहास में वीरता और बलिदान की मिसाल के रूप में लिया जाता है। उन्होंने 13 अप्रैल 1919 को हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लेने के लिए 21 वर्षों तक धैर्य और संकल्प के साथ योजना बनाई और आखिरकार 13 मार्च 1940 को लंदन में माइकल ओ डायर की हत्या कर दी। उन्हें 4 जून 1940 को फांसी दी गई, लेकिन उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के संघर्ष को एक नया आयाम दिया। पंजाब में उनका शहीदी दिवस न केवल यादगार है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।
शहीदी दिवस पर स्कूल-कॉलेज और दफ्तर रहेंगे बंद
पंजाब सरकार की ओर से घोषित आरक्षित अवकाश के चलते 31 जुलाई को सरकारी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और अन्य राज्य नियंत्रित संस्थान बंद रहेंगे। हालांकि जिन संस्थानों में आवश्यक सेवाएं दी जाती हैं। वहां स्थानीय प्रशासन की अनुमति से संचालन संभव हो सकता है। आम नागरिकों और कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने जरूरी कार्य 30 जुलाई तक निपटा लें ताकि अवकाश के दिन किसी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
2025-26 के अवकाश कैलेंडर में कुल 28 आरक्षित छुट्टियां
वर्ष 2025-26 के लिए पंजाब सरकार ने कुल 28 आरक्षित अवकाशों की सूची जारी की है। जिसमें धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के अवसरों को प्राथमिकता दी गई है। इन छुट्टियों का उद्देश्य न सिर्फ परंपराओं को सम्मान देना है, बल्कि नागरिकों को महान ऐतिहासिक घटनाओं और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान की याद दिलाना भी है। 31 जुलाई की छुट्टी इसी भावना का प्रतीक है, जो आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाती है कि आजादी की कीमत कितनी बड़ी थी।