दूध उत्पादन से कमाई हो जाएगी डबल, इन सरकारी योजनाओं का उठाए फायदा Dairy Farming Scheme

Dairy Farming Scheme: देश के दूध उत्पादक किसानों और पशुपालकों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक राहतभरी खबर सामने आई है. उन्नत तकनीकों, वित्तीय सहायता और वैज्ञानिक पोषण के जरिए केंद्र ने ऐसे 8 बड़े कार्यक्रम लागू किए हैं जिनसे दूध उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ाई जा सके. इन योजनाओं की जानकारी केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने 29 जुलाई 2025 को लोकसभा में दी.

  1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत 50% से कम कवरेज वाले जिलों में कृत्रिम गर्भाधान सेवा मुफ्त में उपलब्ध कराई जा रही है.

  • इसके तहत उच्च गुणवत्ता वाले सांडों के वीर्य का उपयोग किया जा रहा है.
  • प्रशिक्षित कर्मी किसानों के घर-घर जाकर सेवा प्रदान करते हैं.
  • इससे दुग्ध उत्पादन में सुधार के साथ नस्ल सुधार का भी लाभ होता है.
  1. IVF तकनीक के साथ नस्ल सुधार और ₹5000 की सहायता
  • इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक के ज़रिए अब मवेशियों की नस्लों को बेहतर और उन्नत बनाया जा रहा है.
  • इस तकनीक से सफल गर्भधारण पर किसानों को ₹5000 तक की वित्तीय सहायता मिलती है.
  • यह खासकर गोजातीय पशुओं के आनुवंशिक सुधार में मददगार साबित हो रही है.
  1. लिंग-सॉर्टेड वीर्य पर 50% सब्सिडी

लिंग चयनित वीर्य तकनीक से 90% तक संभावना होती है कि मादा बछड़ा ही जन्मेगा.

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सरकार इसके उपयोग पर 50% तक की सब्सिडी दे रही है.

इससे किसानों को आगे जाकर दूध उत्पादन में वृद्धि और आय में स्थिरता मिलती है.

  1. राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)

इस कार्यक्रम के दो प्रमुख घटक हैं:

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  • घटक A: दूध संग्रहण, परीक्षण और बुनियादी ढांचे का विकास.
  • घटक B: डेयरी सहकारी संस्थाओं को संगठित करना और बाजार तक पहुंच बढ़ाना.
  • इससे किसानों को बेहतर कीमतें और स्थिर बाजार मिल पा रहा है.
  1. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM-EDP)

NLM-EDP के तहत किसानों को बकरी, सुअर, घोड़ा, मुर्गी फार्म और चारा इकाई लगाने के लिए

50% पूंजीगत सब्सिडी,

और ₹50 लाख तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है.
यह योजना ग्राम स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने में मददगार है.

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  1. पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF)
  • AHIDF योजना के अंतर्गत
  • पशुधन उत्पादों के प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिए
  • 3% ब्याज दर पर सब्सिडी युक्त ऋण दिया जा रहा है.
    यह योजना खासकर उन असंगठित पशुपालकों के लिए वरदान है जिन्हें बाजार से जुड़ने में मुश्किल होती थी.
  1. 1962 किसान ऐप: वैज्ञानिक आहार की सलाह मोबाइल पर
    राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) द्वारा विकसित किया गया यह ऐप

किसानों को उनके क्षेत्र के हिसाब से

स्थानीय संसाधनों पर आधारित पशु आहार की वैज्ञानिक सलाह देता है.
इससे पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर होता है और दूध उत्पादन में गुणवत्ता सुधार होता है.

  1. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा अब पशुपालकों के लिए भी
    अब पशुपालन और मत्स्यपालन करने वाले किसान भी

KCC के तहत कार्यशील पूंजी प्राप्त कर सकते हैं.

इसमें व्यक्तिगत, संयुक्त, SHG और किराए के शेड वाले पशुपालक भी शामिल हैं.
इससे पशुधन संबंधित खर्च आसानी से पूरे किए जा सकते हैं.

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जलवायु परिवर्तन से निपटने को भी मिली प्राथमिकता

सरकार अब जलवायु परिवर्तन से पशुपालन पर पड़ने वाले असर को भी गंभीरता से ले रही है.

  • इसके तहत देशी नस्लों के संरक्षण
  • और जलवायु-सहिष्णु चारे की किस्मों के विकास पर जोर दिया जा रहा है.
  • ICAR की “जलवायु-सहिष्णु कृषि पर नवाचार परियोजना” इसी दिशा में काम कर रही है.

चारे की नई किस्में

  • ICAR-IGFRI, झांसी द्वारा विकसित की गई नई किस्में:
  • चारा बाजरा, ल्यूसर्न, सेटेरिया, सेवन घास
  • ये किस्में सूखा और अधिक तापमान सहन करने में सक्षम हैं.
  • इनका उपयोग कर पशुओं को पोषण की कमी से बचाया जा सकता है.

राज्यों को जारी की गई भारी राशि

  • पिछले 3 वर्षों में केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के तहत राज्यों को भारी मात्रा में फंड जारी किया है.
  • उदाहरण के लिए, केवल उत्तर प्रदेश को 2024-25 में ₹15076 लाख की राशि
  • पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के तहत दी गई.
    यह निवेश रोग नियंत्रण और पशु स्वास्थ्य सुधार में बड़ा योगदान दे रहा है.

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Radhika Yadav

Radhika Yadav is an experienced journalist with 5 years in digital media, covering latest news, sports, and entertainment. She has worked with several top news portals, known for her sharp insights and engaging reporting style.

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