Rajasthan Monsoon Update: राजस्थान में मानसून की सक्रियता एक बार फिर से बढ़ने वाली है. मौसम विभाग ने साफ कर दिया है कि आने वाले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में तेज से भारी बारिश हो सकती है.
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के अनुसार, 3 अगस्त से बारिश का दौर फिर से जोर पकड़ सकता है. खासतौर पर जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की पूरी संभावना है.
मौसम के इस बदलाव से जुड़ी सभी अहम जानकारियां इस रिपोर्ट में विस्तार से जानें.
मानसून ट्रफ लाइन से बदला मौसम का मिजाज
फिलहाल, मानसून ट्रफ लाइन उत्तर भारत में गंगानगर और रोहतक के पास से होकर गुजर रही है. इसका असर उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर खासतौर पर दिखाई दे रहा है.
इस ट्रफ लाइन के चलते बीकानेर, चूरू और शेखावाटी क्षेत्र में पहले से ही बादल छाए हुए हैं और बारिश की गतिविधियां बढ़ रही हैं.
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा भी हो सकती है.
जयपुर और भरतपुर संभाग होंगे ज्यादा प्रभावित
- 3 और 4 अगस्त को जयपुर और भरतपुर संभाग के कुछ जिलों में तेज बारिश के आसार हैं.
- जयपुर, अलवर, धौलपुर, भरतपुर और सवाई माधोपुर जैसे क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हो सकती है.
- इन क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
4 अगस्त को अति भारी बारिश की चेतावनी
- 4 अगस्त को भरतपुर संभाग और उसके आसपास के जिलों में अति भारी बारिश की आशंका जताई गई है.
- विशेष रूप से धौलपुर, करौली और भरतपुर जिले इसके प्रभाव में आ सकते हैं. यहां के निचले इलाकों में जलभराव और बिजली गिरने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी.
- मौसम विभाग ने स्थानीय प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने को कहा है.
बीकानेर और शेखावाटी में भी अच्छी बारिश के संकेत
- बीकानेर, चूरू और झुंझुनूं जिलों में अगले 48 घंटे में तेज बारिश के आसार बने हुए हैं.
- शेखावाटी क्षेत्र, जहां अब तक मानसून कमजोर रहा है, वहां भी इस सिस्टम की वजह से अच्छी बारिश हो सकती है.
- यहां के किसानों के लिए यह बारिश फसलों की बुआई और सिंचाई के लिहाज से लाभकारी साबित हो सकती है.
दक्षिणी राजस्थान में बारिश रहेगी कमजोर
- हालांकि, मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में इस बार मानसून की गतिविधियां कमजोर रह सकती हैं.
- उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, कोटा और बारां जिलों में बारिश की तीव्रता कम रहने की संभावना जताई गई है.
- इसका कारण है कि मानसून की ट्रफ लाइन इन इलाकों से दूर बनी हुई है.
जलभराव और बिजली गिरने से सतर्क रहें लोग
भारी बारिश के कारण जलभराव, कीचड़, और निचले इलाकों में पानी भरने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, बिजली गिरने के मामलों में भी इजाफा हो सकता है.
- मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि:
- पेड़ों और खंभों के नीचे खड़े न हों
- बारिश के दौरान खुले मैदानों से दूर रहें
- बिजली कड़कने पर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करें
- सड़क पर जलभराव हो तो वाहन धीमी गति से चलाएं
कृषि क्षेत्र को होगा बड़ा फायदा
इस बार की बारिश से कृषि क्षेत्र को भी राहत मिलने की संभावना है. खासतौर पर बीकानेर और शेखावाटी क्षेत्र में जहां अब तक बारिश की कमी रही, वहां के किसान अब बुआई और रोपाई के लिए तैयार हो सकेंगे.
इस बारिश से मूंग, मोठ, बाजरा और ग्वार जैसी फसलों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी संभव है.
प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर
राज्य सरकार ने सभी जिलों में आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा है. जिन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है, वहां राहत शिविर, पंपिंग मशीनें, और इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम पहले से तैनात कर दी गई हैं.
विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि अगर कहीं सड़कें बंद हों या पुल डूब जाएं, तो तुरंत राहत कार्य शुरू किया जाए.