School Holiday: सावन महीने की पावन कांवड़ यात्रा पूरे जोरों पर है और इसके साथ ही श्रद्धालुओं की आवाजाही और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गई हैं. हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में भीड़ और ट्रैफिक को लेकर स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया है.
प्रशासन का आदेश
अपर जिला मजिस्ट्रेट/मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जनपद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र सहित आसपास के कुछ इलाकों में 21, 22 और 23 जुलाई 2025 को सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है.
इन क्षेत्रों के स्कूल रहेंगे पूरी तरह बंद
नवीनतम प्रशासनिक आदेश के अनुसार, निम्नलिखित क्षेत्रों के सभी विद्यालयों में तीन दिन तक अवकाश रहेगा:
- हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र
- हरिपुर
- रायवाला
- प्रतीत नगर
- श्यामपुर
हाईवे क्षेत्र में पड़ने वाले सभी विद्यालय
इस आदेश में राजकीय, सहायता प्राप्त, निजी, और सीबीएसई-आईसीएसई से मान्यता प्राप्त सभी स्कूल शामिल हैं.
कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ और ट्रैफिक से बचाव के लिए लिया गया निर्णय
सावन की कांवड़ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचते हैं और फिर पैदल यात्रा कर शिव मंदिरों तक जल चढ़ाते हैं. इस दौरान हाईवे और आसपास के इलाकों में अत्यधिक भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे छात्रों के लिए स्कूल आना-जाना मुश्किल हो सकता है.
छात्रों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर छुट्टी घोषित
प्रशासन का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है. यात्रा के दौरान सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है. इन हालातों को देखते हुए विद्यालयों में तीन दिन का अवकाश घोषित किया गया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
अभिभावकों और स्कूलों को आदेश का पालन करने की सलाह
प्रशासन ने सभी स्कूल प्रबंधन को आदेश का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे इन तिथियों में बच्चों को स्कूल न भेजें.
यदि किसी संस्था द्वारा इस आदेश की अवहेलना की जाती है, तो प्रशासनिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
कांवड़ यात्रा के दौरान लागू अन्य प्रबंध भी जारी
सिर्फ स्कूल बंद ही नहीं, बल्कि हरिद्वार में सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन कैमरे
- अस्थायी पार्किंग व्यवस्था
- रूट डायवर्जन और बैरिकेडिंग
- अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती
- इन उपायों का उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं की भीड़ में कोई अव्यवस्था न हो और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो.