Greater Ghaziabad Plan: उत्तर प्रदेश सरकार अब गाजियाबाद जिले के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद ‘ग्रेटर गाजियाबाद’ के गठन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. इस योजना के तहत खोड़ा, लोनी, डासना नगर पंचायत और मुरादनगर के 13 गांवों को मिलाकर एक नया शहरी क्षेत्र तैयार किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी घोषणा
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गाजियाबाद दौरे के दौरान ग्रेटर गाजियाबाद के निर्माण की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि खोड़ा, लोनी और मुरादनगर जैसे उपविकसित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को एकीकृत कर नगर निगम के अंतर्गत लाया जाएगा, जिससे विकास कार्यों को मजबूती मिलेगी.
नक्शा मिलान का काम पूरा, रिपोर्ट लगभग तैयार
जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर प्रारंभिक नक्शों का मिलान और सीमांकन का काम पूरा कर लिया है. सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट लगभग तैयार है और कांवड़ यात्रा समाप्त होते ही इसे अंतिम रूप देकर शासन को भेजा जाएगा. सभी विभागों से सहमति प्राप्त होने के बाद ही अंतिम नक्शा सार्वजनिक किया जाएगा.
इन क्षेत्रों को किया जाएगा शामिल
ग्रेटर गाजियाबाद में निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल करने की योजना है:
- खोड़ा नगर पालिका परिषद
- लोनी नगर पालिका परिषद
- डासना नगर पंचायत के सभी वार्ड
- मुरादनगर नगर पालिका के 13 गांव, जो गाजियाबाद की सीमा से सटे हुए हैं
इसके साथ ही देहात क्षेत्रों के कुछ गांवों को भी शामिल करने की योजना बनाई जा रही है ताकि ग्रामीण इलाकों को भी शहरी विकास से जोड़ा जा सके.
सड़क मार्ग से तय होगी सीमाएं
सूत्रों के अनुसार ग्रेटर गाजियाबाद की सीमाओं का निर्धारण सड़क मार्ग के आधार पर किया जाएगा. विशेष रूप से मुरादनगर और ग्रेटर गाजियाबाद के बीच की सीमा सड़कों से तय की जाएगी. इसका मकसद है कि भू-सीमा विवाद से बचते हुए स्पष्ट प्रशासनिक ढांचा खड़ा किया जा सके.
डासना से मुरादनगर तक गांवों को मिलेगा फायदा
इस योजना के लागू होने से डासना, मुरादनगर और लोनी जैसे क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. इन्हें अब नगर निगम की सीमा में शामिल कर शहरी सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. इससे सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सेवाएं बेहतर होंगी.
150 से ज्यादा वार्ड हो सकते हैं प्रस्तावित
जिला प्रशासन के अनुसार, इन सभी क्षेत्रों को मिलाकर ग्रेटर गाजियाबाद में 150 से 175 तक वार्ड बनाए जा सकते हैं. यह क्षेत्र वर्तमान नगर निगम से आकार में काफी बड़ा होगा. इससे प्रशासनिक कार्यों और विकास योजनाओं का क्रियान्वयन क्षेत्रवार आसान होगा.
क्या होगा फायदा?
- ग्रामीण इलाकों को मिलेगा शहरी विकास से जुड़ाव
- सभी बुनियादी सुविधाओं में सुधार
- भविष्य में निवेश और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को मिलेगा बल
- जनसंख्या वृद्धि को ध्यान में रखते हुए नियोजित शहरीकरण
- विकास योजनाओं का समान वितरण
कांवड़ यात्रा के बाद आएगा अंतिम नक्शा
डीएम दीपक मीणा ने बताया कि सभी संबंधित विभागों ने अपना सर्वे पूरा कर लिया है. अब ग्रेटर गाजियाबाद की सीमाओं और शामिल किए जाने वाले क्षेत्रों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के समाप्त होते ही अंतिम नक्शा सामने लाया जाएगा.
ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर ग्रेटर गाजियाबाद
ग्रेटर गाजियाबाद को लेकर स्थानीय प्रशासन और सरकार की मंशा है कि इसे ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर विकसित किया जाए. यानी यह क्षेत्र नियोजित, सुविधायुक्त और औद्योगिक व आवासीय दृष्टिकोण से संतुलित रूप में विकसित हो.
निवेश और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
शहरी विस्तार से भूमि मूल्य बढ़ेगा. जिससे सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होगा. साथ ही, औद्योगिक व व्यावसायिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा. जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे.