MSP पर होगी खरीफ फसलों की सरकारी खरीद, 72 घंटे में मिलेगा पूरा भुगतान Haryana MSP 2025

Haryana MSP 2025: हरियाणा के किसानों के लिए खरीफ सीजन 2025–26 की शुरुआत एक अच्छी खबर के साथ हुई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने ऐलान किया है कि इस बार किसानों की फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। राज्य सरकार ने फसल खरीद के सभी आवश्यक इंतजाम पहले ही शुरू कर दिए हैं, ताकि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी न हो।

किन-किन फसलों की होगी एमएसपी पर खरीद?

राज्य मंत्री ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित MSP के आधार पर राज्य सरकार इन प्रमुख खरीफ फसलों की खरीद करेगी:
धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और नाइजर सीड्स (काला तिल)। इन सभी फसलों के लिए राज्यभर में अलग-अलग खरीद केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है ताकि किसानों को निकटतम स्थान पर सुविधा मिल सके।

राज्य में कितने खरीद केंद्र होंगे?

राज्य सरकार ने हर फसल के लिए विशेष रूप से अलग-अलग खरीद केंद्र निर्धारित किए हैं, जिनकी संख्या इस प्रकार है:

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  • धान के लिए – 246 केंद्र
  • ज्वार के लिए – 22 केंद्र
  • बाजरा – 92 केंद्र
  • मक्का – 19 केंद्र
  • अरहर – 22 केंद्र
  • मूंग – 38 केंद्र
  • उड़द – 10 केंद्र
  • मूंगफली और सोयाबीन – 7-7 केंद्र
  • तिल – 27 केंद्र
  • नाइजर सीड्स/काला तिल – 2 केंद्र

कुल मिलाकर 490 से अधिक खरीद केंद्र किसानों की सेवा के लिए तैनात किए जा रहे हैं।

जानिए इस बार फसलों का MSP कितना तय हुआ है

केंद्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दरें इस प्रकार हैं:

फसलMSP (₹/क्विंटल)
धान (कॉमन)2369
धान (ग्रेड A)2389
ज्वार (हाइब्रिड)3699
ज्वार (मालदांडी)3749
बाजरा2775
मक्का2400
अरहर (तूर)8000
मूंग8768
उड़द7800
मूंगफली7263
सोयाबीन5328
तिल9846
नाइजर सीड्स/काला तिल9537

ये दरें किसानों को न्यूनतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय की गई हैं। जिससे उन्हें बाजार की अस्थिर कीमतों से बचाया जा सके।

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72 घंटे में मिलेगा फसल का भुगतान

मंत्री राजेश नागर ने आश्वासन दिया कि इस बार फसल बिक्री के 72 घंटे के भीतर किसानों के खाते में पूरा भुगतान किया जाएगा। यह पैसा DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर होगा। इस पहल से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को फसल बेचने के तुरंत बाद आर्थिक राहत मिलेगी।

मंडियों में मिलेंगी पूरी सुविधाएं

राज्य सरकार ने कहा है कि मंडियों में किसानों की सुविधाओं के लिए सभी प्रबंध किए जा रहे हैं। इसमें शामिल हैं:

  • तौल मशीनें
  • शुद्धता की जांच के उपकरण
  • छाया और पानी की व्यवस्था
  • डिजिटल रसीद और भुगतान की निगरानी

इससे किसानों को मंडियों में लंबा इंतजार, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।

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खरीफ सीजन में सरकार की प्राथमिकता

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने यह भी बताया कि इस सीजन में खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और डिजिटल बनाया गया है। मंडियों में ऑनलाइन एंट्री, वजन, रसीद और भुगतान प्रक्रिया पर निगरानी रखी जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को पूरी पारदर्शिता के साथ सही कीमत मिले और कोई भी फसल व्यर्थ न जाए।

किसानों को दी गई अहम सलाह

मंत्री राजेश नागर ने सभी किसानों से अनुरोध किया है कि:

  • फसल पूरी तरह सूखी और तौल योग्य स्थिति में ही मंडी में लाएं।
  • अपना बैंक खाता और आधार नंबर पहले से सत्यापित करा लें।
  • खरीद केंद्र पर पहचान पत्र और आवश्यक दस्तावेज साथ रखें।
  • फसल बिक्री से जुड़ी सभी रसीद और रिकार्ड सुरक्षित रखें।

इससे किसानों को भुगतान में कोई अड़चन नहीं आएगी और किसी विवाद की स्थिति में दस्तावेज काम आएंगे।

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Radhika Yadav

Radhika Yadav is an experienced journalist with 5 years in digital media, covering latest news, sports, and entertainment. She has worked with several top news portals, known for her sharp insights and engaging reporting style.

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