Lado Sakhi Yojana: हरियाणा सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को तीज पर्व पर खास तोहफे देते हुए कई नई योजनाओं की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अंबाला की नई अनाज मंडी में आयोजित प्रदेश स्तरीय तीज उत्सव में भाग लेते हुए महिला सशक्तिकरण से जुड़ी दो अहम योजनाएं—लाडो सखी योजना और बढ़ते कदम डिजिटल बाल कार्यक्रम की शुरुआत की।
लाडो सखी योजना से मिलेगी गर्भवती महिलाओं को देखभाल
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि लाडो सखी योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की देखरेख के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्कर और एएनएम को जिम्मेदारी दी जाएगी। इन “लाडो सखियों” को प्रोत्साहन राशि के रूप में ₹1000 प्रति केस दिए जाएंगे। योजना का उद्देश्य है कि गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सुविधा, पोषण और जरूरी सलाह मिल सके।
बढ़ते कदम कार्यक्रम से आंगनबाड़ी होंगे डिजिटल
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘बढ़ते कदम डिजिटल बाल कार्यक्रम’ की भी घोषणा की, जिसके तहत आधुनिक तकनीक से आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटल किया जाएगा। यह पहल बच्चों की शिक्षा और पोषण निगरानी में मदद करेगी। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण और तकनीकी संसाधन मिलेंगे, जिससे बाल विकास की गुणवत्ता बेहतर होगी।
अंबाला को मिली ₹442 करोड़ की विकास परियोजनाएं
मुख्यमंत्री सैनी ने कार्यक्रम के दौरान अंबाला के लिए ₹442 करोड़ की विकास योजनाओं की घोषणा की। साथ ही, 73 करोड़ रुपये की 9 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया। इससे अंबाला जिले के बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार आने की उम्मीद है।
तीज पर महिलाओं को कोथली देकर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में भाग लेने वाली महिलाओं को पारंपरिक ‘कोथली’ देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री के साथ मंच पर मौजूद कैबिनेट मंत्री अनिल विज और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी ने भी महिलाओं को बधाई दी और नई योजनाओं की सराहना की।
बेटियों ने हर क्षेत्र में बढ़ाया मान: श्रुति चौधरी
मंत्री श्रुति चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि हरियाणा में 2014 में लिंगानुपात 874 था, जो अब बढ़कर 906 हो गया है। उन्होंने कहा, “बेटियां आज हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं—चाहे वह शिक्षा हो, खेल या उद्यमिता।”
महिला स्टार्टअप को मिलेगा आर्थिक और तकनीकी सहयोग
सीएम सैनी ने बताया कि हरियाणा में महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप की संख्या 50% तक पहुंच गई है, और सरकार इसे और आगे बढ़ाने के लिए नई योजनाएं शुरू कर रही है। इसके तहत:
- 10,000 डू-इट-योरसेल्फ किट छात्राओं को वितरित की जाएंगी ताकि वे कम उम्र से ही उद्यमशीलता में रुचि ले सकें।
- महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप को ₹50,000 से ₹1 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- यह सहायता पारंपरिक हस्तकला, देसी खाद्य उत्पाद, आयुर्वेदिक वेलनेस और इको-फ्रेंडली उत्पादों से जुड़े स्टार्टअप को प्राथमिकता के आधार पर दी जाएगी।
महिला उद्यमिता मंच का हरियाणा चैप्टर जल्द
सरकार नीति आयोग के सहयोग से महिला उद्यमिता मंच का राज्य चैप्टर शुरू करेगी, जिसमें 700 से अधिक अनुभवी सलाहकारों का नेटवर्क महिलाओं को मार्गदर्शन देगा। साथ ही उन्हें बाजार, प्रशिक्षण और फंडिंग की सुविधाएं भी मिलेंगी।
महिला उद्यमियों के लिए सब्सिडी और सरकारी खरीद में छूट
नई औद्योगिक नीति के तहत, सरकार ने घोषणा की है कि जो इकाइयाँ महिलाओं को रोजगार देंगी उन्हें विशेष सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, महिला उद्यमियों को सरकारी खरीद में प्राथमिकता और छूट मिलेगी, जिससे उनकी व्यापार में भागीदारी बढ़ेगी।
हर विकास खंड में महिलाओं को मिलेगा राशन डिपो
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि हर विकास खंड में एक राशन डिपो स्वयं सहायता समूह की महिला को दिया जाएगा। इससे गांवों में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
131 महिला सांस्कृतिक केंद्रों का उद्घाटन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर में 131 महिला सांस्कृतिक केंद्रों का उद्घाटन किया। इन केंद्रों में महिलाएं गीत, नृत्य, भजन व सांस्कृतिक गतिविधियाँ कर सकेंगी। यह पहल ग्रामीण और शहरी महिलाओं को सामाजिक मंच प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।
हस्तशिल्प में उत्कृष्ट महिलाओं को मिला सम्मान और पुरस्कार
कार्यक्रम में महिला हस्तशिल्पकारों को उनके कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इसमें शामिल हैं:
- राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार: ₹3 लाख
- उत्कृष्ट महिला शिल्पकार पुरस्कार: ₹3 लाख
- 12 सांत्वना पुरस्कार: ₹51,000 प्रति महिला
इसके अलावा, विभिन्न जिलों के श्रेष्ठ स्वयं सहायता समूहों को भी नकद पुरस्कार प्रदान किए गए:
- प्रथम पुरस्कार: ₹1 लाख
- द्वितीय पुरस्कार: ₹50,000
- तृतीय पुरस्कार: ₹25,000
स्वयं सहायता समूहों को करोड़ों की वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने जुलाई 2025 तक के लिए ₹14.26 करोड़ की रिवॉल्विंग फंड और सामुदायिक निवेश राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों को सौंपे। इसके अलावा छह जिलों के ‘रूरल मास्टर्स’ की चाबियां भी संबंधित समूहों को दी गईं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और आर्थिक स्वतंत्रता को और बल मिलेगा।
हरियाणा में महिला सशक्तिकरण की नई दिशा
मुख्यमंत्री द्वारा घोषित ये योजनाएं यह साबित करती हैं कि हरियाणा सरकार महिला सशक्तिकरण, उद्यमिता और शिक्षा को लेकर गंभीर है। तीज के मौके पर महिलाओं को मिली योजनाओं की यह सौगात प्रदेश को नवाचार और समावेशिता की ओर ले जाने का संकेत देती है।