Heavy Rain Rajasthan: राजस्थान में मानसून पूरी तरह सक्रिय हो चुका है, और इसके कारण लगातार तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों में मूसलधार बारिश हुई, जिससे जलभराव, सड़कें बंद होने और जान-माल की हानि जैसी घटनाएं सामने आईं. अजमेर और राजसमंद में दो बड़े हादसे हुए, जिसमें लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद बचाया गया.
अजमेर में बहा जियारती, मुश्किल से बचाई गई जान
अजमेर में भारी बारिश के दौरान एक जियारती पानी के तेज बहाव में बह गया, जो जियारत के लिए शहर आया था. यह घटना उस समय हुई जब जलभराव के कारण पानी का प्रवाह अचानक तेज हो गया. मौके पर मौजूद लोगों ने जान की परवाह किए बिना कूदकर उसे बचाया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया.
15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
शनिवार को भी मानसून का प्रभाव कमजोर नहीं होगा. मौसम विभाग ने प्रदेश के 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. जिन जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है, वे हैं:
कोटा, अजमेर, जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, भरतपुर, दौसा, टोंक, भीलवाड़ा, पाली, जालौर, सिरोही, बीकानेर, चुरू, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़.
इन जिलों के प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है और आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट मोड पर रखी गई हैं.
20 जुलाई से कमजोर पड़ सकता है बारिश का प्रभाव
मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, राजस्थान में 20 जुलाई के बाद भारी बारिश का दौर कुछ कमजोर पड़ सकता है. हालांकि, यह पूरी तरह रुकने वाला नहीं है, लेकिन तेज बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है. तब तक, लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है.
कोटा के सांगोद में रिकॉर्ड बारिश, तापमान में भी उतार-चढ़ाव
शुक्रवार को सबसे ज्यादा बारिश कोटा जिले के सांगोद में हुई, जहां 166 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई. यह प्रदेश में 24 घंटे में दर्ज सबसे ज्यादा वर्षा थी.
- अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई, जिससे तापमान में भी बदलाव देखने को मिला.
- राजस्थान का सबसे अधिक तापमान जैसलमेर में 39.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया,
- जबकि सबसे कम तापमान सिरोही में 20.9 डिग्री सेल्सियस रहा.
लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित
लगातार बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव, सड़कें बंद, और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं सामने आई हैं. साथ ही फसल और ग्रामीण क्षेत्रों में नुकसान की भी खबरें आ रही हैं.
प्रशासन की ओर से राहत कार्य किए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय लोगों को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और स्कूली वाहनों के संबंध में.