School Holiday: राजस्थान के जैसलमेर जिले में 29 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा यह एहतियाती कदम विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
छुट्टियों के दौरान की जाएगी भवनों की गहन जांच
तीन दिवसीय इस अवकाश के दौरान स्कूलों और आंगनवाड़ी भवनों की संरचनात्मक स्थिति की जांच की जाएगी। विशेष रूप से छतों की मजबूती, शौचालयों की सफाई, चारदीवारी की स्थिरता और भवन की समग्र संरचना पर ध्यान दिया जाएगा। ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को पूरी तरह सुरक्षित वातावरण में शिक्षा दी जा रही है।
जिला शिक्षा अधिकारी की अनुशंसा पर आया आदेश
यह फैसला मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (समग्र शिक्षा) की सिफारिश पर लिया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि 29 से 31 जुलाई के बीच जिले के सभी शिक्षण संस्थानों और आंगनवाड़ी केंद्रों में शैक्षणिक गतिविधियां स्थगित रहेंगी। ताकि निरीक्षण कार्य बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके।
निरीक्षण प्रक्रिया में किन बिंदुओं पर रहेगा जोर?
इस दौरान निरीक्षण करने वाली टीमें स्कूलों और आंगनवाड़ियों की छतों, मुख्य प्रवेश द्वारों, फर्नीचर, शौचालयों और चारदीवारी की स्थिति की बारीकी से जांच करेंगी। जिन भवनों में कोई कमी या खतरे की संभावना पाई जाएगी, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
समयबद्ध रिपोर्टिंग का आदेश
प्रशासन ने संबंधित सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे निरीक्षण के बाद एक निर्धारित समय सीमा के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि किस स्कूल या आंगनवाड़ी में कौन-से सुधार जरूरी हैं और उन्हें कब तक पूरा किया जा सकता है।
कई विभागों की संयुक्त भागीदारी
इस संयुक्त निरीक्षण अभियान में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय और निर्माण विभाग के अधिकारी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। सभी मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूलों की संरचना सुरक्षा मानकों पर खरे उतरें और बच्चों को किसी प्रकार का खतरा न हो।
शिक्षण संस्थानों की मौजूदा स्थिति का होगा मूल्यांकन
निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं होगी। अधिकारियों द्वारा भवनों की वर्तमान स्थिति का संपूर्ण मूल्यांकन किया जाएगा। जहां भी धार्मिक, सांस्कृतिक या मौसमी कारणों से क्षति पहुंची होगी। वहां तत्काल मरम्मत या नवीनीकरण कराया जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं
प्रशासन ने साफ कहा है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय या आंगनवाड़ी केंद्र की संरचना में गंभीर दोष पाए जाते हैं, तो वहां तब तक शिक्षण कार्य प्रारंभ नहीं किया जाएगा जब तक आवश्यक सुधार न हो जाएं।
शिक्षा में गुणवत्ता के साथ सुरक्षा भी जरूरी
यह पहल इस ओर इशारा करती है कि सरकार अब केवल शैक्षणिक गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि बच्चों के सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण को भी उतनी ही प्राथमिकता दे रही है। संरचनात्मक मजबूती और स्वच्छता शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।