New Excise Policy: झारखंड सरकार ने राज्य में शराब की बिक्री और वितरण से जुड़ी प्रणाली को पूरी तरह बदलते हुए एक नई उत्पाद नीति (New Excise Policy) लागू करने का निर्णय लिया है. इस नीति के तहत राज्यभर में 1453 निजी शराब दुकानों का संचालन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा. जिससे पारदर्शिता बनी रहे और राज्य को राजस्व लाभ भी हो.
1 सितंबर से लागू होगी नई नीति
नई नीति 1 सितंबर 2025 से राज्यभर में प्रभावी होगी. इसके बाद सरकार द्वारा संचालित मौजूदा शराब दुकानों का संचालन बंद कर दिया जाएगा. अब शराब बिक्री की जिम्मेदारी निजी दुकानदारों को दी जाएगी. जिनका चयन लॉटरी प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा.
थोक बिक्री का अधिकार सरकार के पास ही रहेगा
हालांकि, थोक स्तर पर शराब की खरीद-बिक्री का अधिकार पूर्व की तरह झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के पास ही रहेगा. यानी पूरे राज्य की थोक आपूर्ति पर नियंत्रण सरकार के हाथ में रहेगा. लेकिन खुदरा बिक्री निजी क्षेत्र को सौंप दी जाएगी.
दुकानों के नामों में बड़ा बदलाव
इस बार नई नीति में एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब ‘विदेशी शराब दुकान’ (foreign liquor shop) नाम से कोई भी दुकान संचालित नहीं की जाएगी. इसके बजाय सिर्फ दो श्रेणियों की दुकानें होंगी:
- कंपोजिट शराब दुकान (Composite liquor shop) – जिसमें विदेशी और देसी दोनों तरह की शराब उपलब्ध होगी
- देसी शराब दुकान (Country liquor shop) – केवल देसी शराब की बिक्री के लिए
यह कदम ब्रांड आधारित भेदभाव को समाप्त करने और शराब बिक्री को व्यवस्थित करने के लिए उठाया गया है.
लोहरदगा जिले में घटेगी दुकानों की संख्या
लोहरदगा जिले की बात करें तो अब तक यहां कुल 15 शराब की दुकानें संचालित हो रही थीं, जिनमें शामिल थीं:
- 4 विदेशी शराब दुकानें
- 4 देसी शराब दुकानें
- 7 कंपोजिट दुकानें
नई नीति के अनुसार, अब जिले में केवल 11 शराब दुकानें ही चलेंगी, जिनमें 4 देसी और 7 कंपोजिट दुकानें होंगी.
31 अगस्त तक सरकार खुद करेगी संचालन
31 अगस्त तक राज्य सरकार ही दुकानों का संचालन करेगी. इसके लिए उत्पाद विभाग की देखरेख में 10 दुकानों का संचालन शुरू किया गया है. शेष एक दुकान का संचालन नई नीति के तहत 1 सितंबर से किया जाएगा.
कर्मचारियों की नियुक्ति पूरी, JSBCL देगी वेतन
उत्पाद विभाग, नियोजनालय और सूचना प्रणाली के माध्यम से दुकानों के संचालन के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है. इन कर्मचारियों को वेतन JSBCL (झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन) के माध्यम से दिया जाएगा.
अनिल मिश्रा, उत्पाद अधीक्षक लोहरदगा ने बताया कि विभाग को इस प्रक्रिया को पूरा करने में लगभग 20 दिनों का समय लगा. सभी दुकानों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं.
1 सितंबर से शुरू होगी लॉटरी आधारित दुकान आवंटन व्यवस्था
सरकार की योजना है कि 1 सितंबर से नई नीति के तहत शराब दुकानों का संचालन पूरी तरह से निजी क्षेत्र को सौंप दिया जाए. इसके लिए लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है. ताकि सभी पात्र आवेदकों को समान अवसर मिले और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके. 31 अगस्त तक सभी जिलों में लॉटरी प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है. उत्पाद विभाग इसी दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है.
नई नीति के संभावित फायदे
- राजस्व में वृद्धि: निजी हाथों में दुकानें देने से सरकार को टैक्स और शुल्क के माध्यम से अधिक आय होगी.
- पारदर्शिता: लॉटरी सिस्टम से भेदभाव रहित आवंटन होगा.
- ब्रांड-केंद्रित दुकान मॉडल खत्म: सिर्फ कंपोजिट और देसी दुकानों के जरिये ब्रांड के बजाय उत्पाद पर जोर
- रोजगार के नए अवसर: निजी दुकानों के जरिए स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी.
- प्रशासनिक बोझ में कमी: संचालन सरकार के बजाय निजी स्तर पर होने से प्रशासनिक जिम्मेदारी कम होगी.
लोहरदगा में क्या-क्या बदलेगा?
- नई दुकानें कंपोजिट और देसी के नाम से चलेंगी, विदेशी नहीं
- अब केवल 11 दुकानें ही संचालित होंगी
- 31 अगस्त तक 10 दुकानें सरकारी संचालन में रहेंगी
- 1 सितंबर से सभी दुकानें निजी संचालन में आ जाएंगी
- कर्मचारी JSBCL के माध्यम से वेतन पाएंगे