School Holiday: श्रावण मास में तीर्थनगरी सोरोंजी में लगने वाला कांवड़ मेला हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस बार भी शनिवार से कांवड़ियों की भारी भीड़ आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने जिले के नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक के स्कूलों को शनिवार और सोमवार को बंद रखने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि 28 जुलाई और फिर 2 से 4 अगस्त तक सभी प्राथमिक स्कूलों में छुट्टी रहेगी।
लहरा गंगाघाट से भरते हैं कांवड़
सोरोंजी तीर्थनगरी स्थित लहरा गंगाघाट कांवड़ भरने के लिए प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां हर साल मध्यप्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों से हजारों कांवड़िये पहुंचते हैं। कांवड़ भरने की प्रक्रिया श्रावण मास के अंतिम सोमवार तक निरंतर चलती रहती है। भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात बाधित न हो, इसके लिए प्रशासन ने स्कूलों की छुट्टियों के साथ-साथ रूट डायवर्जन की योजना भी लागू की है।
श्रावण का अंतिम सोमवार 4 अगस्त
इस बार 4 अगस्त को श्रावण मास का अंतिम सोमवार पड़ रहा है, जो कांवड़ यात्रा की दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में 2 अगस्त से श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक बढ़ने की आशंका है। प्रशासन ने 2 अगस्त से 4 अगस्त तक भी स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए हैं ताकि शहर में ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रित रह सके और बच्चे सुरक्षित रहें।
रविवार को भी बाजार रहेंगे बंद
श्रावण मास के दौरान प्रत्येक रविवार को बाजार बंद रखने का आदेश पहले ही जारी कर दिया गया था। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने कहा कि भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाने के लिए यह फैसला जरूरी है। इस रविवार को भी शहर के सभी प्रमुख बाजार बंद रहेंगे, जिसकी मुनादी पालिका परिषद के अधिकारियों के माध्यम से कराई जा रही है।
बीएसए का निर्देश
बेसिक शिक्षा अधिकारी सूर्यप्रताप सिंह ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी के आदेशानुसार, नर्सरी से कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को 28 जुलाई, 2 अगस्त, 3 अगस्त और 4 अगस्त को बंद रखा जाएगा। इस आदेश का उद्देश्य भीड़ से उत्पन्न जाम, अव्यवस्था और सुरक्षा खतरे से बचाव करना है। यह कदम अस्थायी है और श्रावण मास की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रशासन की सख्ती से सुचारु रहेगा कांवड़ मेला
प्रशासन ने पहले से ही कांवड़ मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाए रखने के लिए योजना तैयार कर ली है। स्कूलों की बंदी, बाजारों का नियंत्रण और यातायात रूट डायवर्जन जैसी व्यवस्थाएं यह सुनिश्चित करेंगी कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। श्रावण के अंतिम सोमवार को सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है, ऐसे में समय से लिया गया यह फैसला भविष्य में किसी अव्यवस्था को रोकने में मददगार साबित होगा।