Ujjain School Holiday : श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही उज्जैन में धार्मिक उल्लास और श्रद्धा का माहौल बनता है। इसी क्रम में बाबा महाकाल की सवारी के दौरान प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जिससे छात्रों और श्रद्धालुओं दोनों को राहत मिल सके।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन का निर्णय
हर साल की तरह इस वर्ष भी श्रावण और भादो मास में बाबा महाकाल की सवारी के दौरान लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। यही कारण है कि सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सोमवार को शासकीय और अर्धशासकीय सभी स्कूलों की छुट्टी रहेगी। वहीं यह स्कूल रविवार के दिन खोले जाएंगे।
उज्जैन कलेक्टर ने दी जानकारी
उज्जैन कलेक्टर रोशन सिंह ने जानकारी दी कि हर साल श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की जाती है। उन्होंने कहा, “बच्चों के स्कूल की सोमवार को छुट्टी रखकर रविवार को खोले जाते हैं ताकि यातायात और सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार की बाधा न आए।”
इस साल इन तिथियों को निकलेगी सवारी
बाबा महाकाल की सवारी के लिए प्रशासन ने तारीखें पहले ही निर्धारित कर दी हैं। पहली सवारी 14 जुलाई, दूसरी 21 जुलाई, तीसरी 28 जुलाई और चौथी सवारी 4 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जाएगी। इसके बाद भादो मास में पंचम सवारी 11 अगस्त को रहेगी। सभी इन पांच सोमवार को स्कूलों की छुट्टी रहेगी, जबकि एक दिन पहले रविवार को स्कूल खोले जाएंगे।
राजसी सवारी पर रहेगा स्थानीय अवकाश
18 अगस्त 2025 को बाबा महाकाल की राजसी सवारी निकाली जाएगी। इस दिन स्थानीय अवकाश घोषित किया जाएगा। यह सवारी विशेष होती है और पूरे शहर से होकर गुजरती है। प्रशासन इसे लेकर भी व्यापक तैयारी करेगा ताकि किसी तरह की असुविधा न हो।
स्कूल बसों से ट्रैफिक में बाधा न हो, इसलिए बदला गया शेड्यूल
उज्जैन शहर की पुरानी तंग गलियों से होकर गुजरने वाली महाकाल सवारी के दौरान ट्रैफिक जाम की स्थिति सामान्य हो जाती है। ऐसे में अगर स्कूल बसें भी सवारी मार्ग पर चलेंगी, तो श्रद्धालुओं और स्कूली बच्चों दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से सोमवार को छुट्टी और रविवार को स्कूल लगाने का निर्णय लिया गया है।
शिक्षा विभाग जल्द जारी करेगा आदेश
शिक्षा विभाग की ओर से इस व्यवस्था को लेकर जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। उज्जैन कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि इस फैसले का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुविधा और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। सवारी के मार्ग पर भीड़ के कारण पैदल चलने वालों को मुश्किलें न हों, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।
क्या है बाबा महाकाल की सवारी?
बाबा महाकाल की सवारी उज्जैन का प्राचीन धार्मिक आयोजन है, जो श्रावण और भादो मास में हर सोमवार को निकाली जाती है। इसमें बाबा महाकाल को रजत पालकी में नगर भ्रमण कराया जाता है। लाखों श्रद्धालु इस सवारी में शामिल होकर दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं। यह सवारी उज्जैन की परंपरा और आस्था का प्रतीक मानी जाती है।
बच्चों और अभिभावकों को मिली राहत
इस निर्णय से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिलेगी। अभिभावकों को अब यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि कौन-कौन से सोमवार को छुट्टी है और किस रविवार को स्कूल लगेंगे। यह पारदर्शिता स्मूथ ट्रांसपोर्ट और पढ़ाई की निरंतरता के लिए भी सहायक साबित होगी।
ट्रैफिक कंट्रोल और व्यवस्था में मदद
इस तरह की एडवांस प्लानिंग से पुलिस प्रशासन को ट्रैफिक कंट्रोल करने में भी सहयोग मिलेगा। चूंकि सवारी के दौरान गलियों में जगह कम होती है, इसलिए वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए यह जरूरी था कि स्कूल बसों को मार्ग से हटाया जाए।