Postal Service Reform: देश भर में अब डाकघर भी अपनी सेवाओं को और बेहतर करने के लिए प्राइवेट कोरियर कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में है। आधुनिक युग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डाक विभाग ने कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब डाकिया साइकिल की जगह मोटरसाइकिल पर डाक बांटेगा और एक दिन में दो बार डिलीवरी करेगा — एक बार सुबह और दूसरी बार शाम को।
अब दो शिफ्टों में होगी डाक बांटने की ड्यूटी
डाक सेवाओं में तेजी लाने के लिए अब डाकिया केवल सुबह नहीं बल्कि शाम को भी डाक बांटेगा। इससे डिलीवरी टाइम में काफी सुधार आएगा और लोग जल्द से जल्द अपनी चिट्ठियां या पार्सल प्राप्त कर पाएंगे। यह बदलाव फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है, जिसमें विशेष रूप से उन इलाकों को चुना गया है जहां डाक की मात्रा अधिक रहती है।
हरियाणा के NCR में हुआ पायलट प्रोजेक्ट का आगाज
हरियाणा के NCR क्षेत्रों — जैसे गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला, करनाल, पानीपत आदि जिलों में यह नई व्यवस्था शुरू हो गई है। इन इलाकों में डाक का आवागमन अन्य जिलों की तुलना में अधिक होता है, इसलिए यहां दो शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई है।
दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए अब जरूरी होगा OTP
महत्वपूर्ण दस्तावेजों की डिलीवरी में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब नई व्यवस्था लागू की जा रही है। अब जब भी रजिस्टर्ड डाक या कोई महत्वपूर्ण पत्र भेजा जाएगा, तो प्राप्तकर्ता के मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा। डाकिया तभी दस्तावेज सौंपेगा जब उपभोक्ता सही OTP बताएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि डाक सिर्फ सही व्यक्ति तक ही पहुंचे और बीच में किसी अन्य को न दी जाए।
मोबाइल नंबर अनिवार्य, गैरमौजूदगी में डाक फिर से लाई जाएगी
यदि कोई व्यक्ति घर पर नहीं है और OTP बताने वाला नहीं मिल पाता है, तो डाकिया दस्तावेज किसी और को नहीं देगा, बल्कि दोबारा विज़िट करेगा। इससे डाक की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
पोस्ट बॉक्स का घटता उपयोग, कोरियर कंपनियों की बढ़त
पहले जहां लोग चिट्ठियां पोस्ट बॉक्स में डालते थे, अब उनका रुझान प्राइवेट कोरियर की तरफ ज्यादा हो गया है। इसके कारण डाक विभाग के कार्यभार में कमी आई है और गली-मोहल्लों में लगे पोस्ट बॉक्स अब कम दिखाई देने लगे हैं। यह भी एक कारण है कि डाक विभाग को अपनी सेवाओं को फिर से मजबूत करना पड़ रहा है।
अब डाक विभाग की नजर आधुनिकता की ओर
कोरियर कंपनियों की चुनौती का सामना करने के लिए डाक विभाग अपने संसाधनों को आधुनिक बना रहा है। इसके तहत डाकियों को अब मोटरसाइकिल से डिलीवरी करने की छूट दी गई है। यह न सिर्फ समय की बचत करेगा बल्कि ज्यादा इलाके कवर करना भी आसान हो जाएगा।
हर किलोमीटर पर मिलेगा किराया, भविष्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल की योजना
फिलहाल डाकिये अपनी निजी मोटरसाइकिलों का उपयोग करेंगे, जिसके लिए विभाग प्रति किलोमीटर ₹3.86 भुगतान करेगा। भविष्य में डाक विभाग इलेक्ट्रिक व्हीकल उपलब्ध कराने की योजना भी बना रहा है, जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ संचालन लागत में भी कमी आएगी।
कर्मचारियों की कमी के बीच मोटरसाइकिल बनी सहारा
डाक विभाग में कर्मचारियों की संख्या कम होने से काम पर प्रभाव पड़ रहा था, लेकिन मोटरसाइकिल से डिलीवरी स्पीड बढ़ने से यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। पहले जहां साइकिल से बंटवारे में समय लगता था, अब मोटरसाइकिल से तेज और प्रभावी डिलीवरी संभव होगी।
अब डाक जाएगी एक ही लोकेशन पर, फिर होगी सही बंटवारा
पहले डाक जिले के कई स्थानों पर भेजी जाती थी, जिससे गड़बड़ी और देरी की शिकायतें आती थीं। अब IDC प्रोजेक्ट के तहत डाक को एक ही केंद्र पर एकत्रित किया जाएगा, जैसे अंबाला कैंट, अंबाला शहर, कुरुक्षेत्र, गुरुग्राम आदि। वहां से फिर सुनियोजित तरीके से वितरण शुरू किया जाएगा।
ओटीपी सिस्टम से बढ़ेगा विश्वास और सुरक्षा
OTP आधारित वितरण व्यवस्था से न सिर्फ प्राप्तकर्ता की पहचान सुनिश्चित होगी, बल्कि महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी। इससे ग्राहकों का डाक विभाग पर भरोसा भी बढ़ेगा।
जहां डाक लोड ज्यादा, वहां दो टाइम डिलीवरी
डाक विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन इलाकों में डाक का लोड अधिक होता है, वहां सुबह और शाम दोनों समय डिलीवरी की व्यवस्था की जाएगी। इससे लोगों को तेजी से सेवाएं मिलेंगी और विभाग की विश्वसनीयता भी मजबूत होगी।
डाक सेवाओं की वापसी की ओर एक मजबूत कदम
इन सभी बदलावों का मुख्य उद्देश्य है — डाक विभाग की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाना और इसे फिर से आम लोगों की पहली पसंद बनाना। नई तकनीक, OTP प्रणाली, मोटरसाइकिल डिलीवरी और दो शिफ्ट की रणनीति मिलकर निश्चित ही डाक सेवाओं को एक नए युग में प्रवेश दिलाएगी।