School Holiday: झालावाड़ में हाल ही में हुए दर्दनाक हादसे ने सरकार और प्रशासन को गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 28 जुलाई से पांच दिन तक सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। इस दौरान सभी स्कूल भवनों का भौतिक निरीक्षण (Physical Inspection) किया जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
सभी स्कूलों में होगा फिजिकल ऑडिट
कलक्टर जसमीत सिंह संधू ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि इन पांच दिनों के दौरान सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों की इमारतों की सघन जांच की जाएगी। इसके लिए जिले स्तर के अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। ताकि वे इस कार्य में पूर्ण रूप से शामिल हो सकें। जिला शिक्षा अधिकारी अरुणा गारू ने बताया कि निरीक्षण के लिए एक विशेष चेकलिस्ट तैयार की गई है। जिसमें 26 बिंदु शामिल हैं। जिन्हें हर अधिकारी को ध्यान में रखते हुए जांच करनी होगी।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई समीक्षा बैठक
राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक करने के निर्देश दिए। इसके बाद शनिवार रात को जिलाधिकारी संधू ने आपात बैठक बुलाकर सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सभी सरकारी भवनों की स्थिति की समीक्षा करें।
सभी स्कूल भवनों की होगी जांच
निरीक्षण का दायरा सिर्फ सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं रखा गया है। सभी निजी स्कूल भवनों की भी इसी सख्ती से जांच की जाएगी। निर्देश दिए गए हैं कि भवन की छत, दीवारें, फर्श, दरवाजे-खिड़कियां, बिजली कनेक्शन, सीढ़ियां, शौचालय और पानी की टंकी आदि सभी बिंदुओं पर जांच पूरी ईमानदारी से होनी चाहिए।
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने राज्यस्तरीय निरीक्षण टीम बनाई
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल ने एक विशेष आदेश जारी कर प्रदेश भर में 26 अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में स्कूल भवनों का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम करें और निरीक्षण रिपोर्ट तय समय सीमा में सौंपें।
भीलवाड़ा में नादान सिंह को मिली जिम्मेदारी
भीलवाड़ा जिले में डीडी नादान सिंह को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। वे 28 जुलाई से 29 जुलाई तक जिले का दौरा करेंगे और निरीक्षण के दौरान भवनों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन करेंगे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
जन सुरक्षा प्राथमिकता में
यह कदम यह दर्शाता है कि अब प्रशासन जन सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। हादसे के बाद यह तय किया गया है कि कोई भी स्कूल भवन कमजोर या असुरक्षित स्थिति में न चलाया जाए। यदि किसी भवन में जरा भी कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत ठीक कराया जाएगा या अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा।
छात्रों और अभिभावकों में बढ़ा भरोसा
सरकार और प्रशासन की इस सक्रियता से अभिभावकों और छात्रों में सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ा है। वे चाहते हैं कि उनके बच्चे एक सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त करें और इस दिशा में यह कदम बहुत ही सराहनीय और आवश्यक साबित हो रहा है।