राजस्थान में 5 दिन स्कूल बंद का आदेश, प्रशासन ने अधिकारियों को दिए सख्त आदेश School Holiday

School Holiday: राजस्थान के झालावाड़ जिले में हाल ही में हुए एक दर्दनाक हादसे ने प्रशासन और राज्य सरकार को सतर्क कर दिया है। स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति को देखते हुए अब प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। जिले में 28 जुलाई से पांच दिन तक स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है ताकि इस दौरान स्कूल भवनों का भौतिक निरीक्षण किया जा सके।

जिला कलेक्टर ने सभी अधिकारियों की छुट्टियां की रद्द

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद झालावाड़ के कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने शनिवार रात जिला अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। बैठक में जिले भर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के भवनों की जांच की योजना बनाई गई। इसके तहत सभी जिला स्तरीय अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं ताकि निरीक्षण का कार्य समय पर पूरा हो सके।

सभी स्कूलों के भवनों की होगी जांच, तय किए गए 26 बिंदु

जिला शिक्षा अधिकारी अरुणा गारू ने बताया कि निरीक्षण के लिए 26 विशेष बिंदु तय किए गए हैं जिन पर स्कूल भवनों की स्थिति का आकलन किया जाएगा। इस जांच के तहत भवन की छत की मजबूती, दीवारों की स्थिति, बिजली और जलनिकासी की सुविधा, शौचालयों की स्थिति, खिड़कियों और दरवाजों की मजबूती सहित अन्य बिंदु शामिल हैं।

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राज्य स्तर पर भी शुरू हुई कार्रवाई

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की राज्य परियोजना निदेशक अनुपमा जोरवाल ने भी पूरे प्रदेश में सख्ती बरतते हुए 26 अधिकारियों को निरीक्षण कार्य के लिए नियुक्त किया है। इन अधिकारियों को विभिन्न जिलों में स्कूलों का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने का निर्देश मिला है।

भीलवाड़ा जिले की जिम्मेदारी मिली नादान सिंह को

भीलवाड़ा जिले के लिए डीडी नादान सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। वे 28 से 29 जुलाई तक जिले का दौरा करेंगे और स्कूलों की भौतिक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे। उनके निरीक्षण का फोकस गांवों और कस्बों में स्थित स्कूलों पर भी रहेगा, जहां भवनों की स्थिति अपेक्षाकृत कमजोर मानी जाती है।

स्कूलों में सुरक्षा को लेकर होगी सख्ती

सरकार का उद्देश्य साफ है कि भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। इसलिए निरीक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां भी भवन जर्जर या असुरक्षित पाए जाएंगे, वहां स्कूल संचालन तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाएगा और वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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प्राइवेट स्कूलों को भी निर्देश

यह निरीक्षण सिर्फ सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं है। निजी स्कूलों को भी भौतिक निरीक्षण के दायरे में लाया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा को समान रूप से सुनिश्चित किया जा सके। जिला प्रशासन ने सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों को भी निर्देशित किया है कि वे निरीक्षण टीमों का सहयोग करें और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।

जनहित में लिया गया फैसला

कलेक्टर संधू ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय जनहित में और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अगले सप्ताह तक सभी स्कूलों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जरूरत पड़ने पर मरम्मत या स्थानांतरण की व्यवस्था की जाएगी।

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Radhika Yadav

Radhika Yadav is an experienced journalist with 5 years in digital media, covering latest news, sports, and entertainment. She has worked with several top news portals, known for her sharp insights and engaging reporting style.

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