Railway Station Upgrade: दिल्ली के व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में शुमार सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन अब नए और उन्नत रूप में यात्रियों का स्वागत कर रहा है। उत्तर रेलवे ने स्टेशन के आधुनिकीकरण का कार्य महज आठ दिनों में पूरा कर दिया है। जिसमें करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
104 ट्रेनें हर दिन करती हैं गुजर
दिल्ली सराय रोहिल्ला स्टेशन राजधानी का एक प्रमुख रेल केंद्र है। जहां से प्रतिदिन 104 ट्रेनें गुजरती हैं। इनमें जयपुर डबल डेकर, जम्मू दुरंतो, यशवंतपुर दुरंतो, चेतक एक्सप्रेस और अजमेर जनशताब्दी जैसी लोकप्रिय ट्रेनें शामिल हैं। हर दिन 30,200 से अधिक यात्री इस स्टेशन से यात्रा करते हैं। जिससे इसकी महत्ता और व्यस्तता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
यार्ड रीमॉडलिंग से रेलवे संचालन में बढ़ी कार्यक्षमता
उत्तर रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, स्टेशन के यार्ड का रीमॉडलिंग यानी रेल पटरियों की पुन: योजना बनाई गई है। इसके तहत ट्रेन संचालन को ज्यादा सुचारु और प्रभावी बनाने के लिए विशेष बदलाव किए गए हैं।
इस योजना के अंतर्गत स्टेशन पर एक नई लूप लाइन और दो अतिरिक्त स्टेबलिंग लाइनें भी जोड़ी गई हैं। इससे ट्रेन पार्किंग और शंटिंग ऑपरेशन में सुविधा बढ़ेगी।
डिजिटल इंटरलॉकिंग सिस्टम से बढ़ी सुरक्षा और रफ्तार
स्टेशन की पुरानी इंटरलॉकिंग प्रणाली को हटाकर अब डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाया गया है। जिससे न केवल सुरक्षा मानकों में वृद्धि हुई है। बल्कि ट्रेनों का संचालन भी अधिक तेज और सटीक हो गया है। इस अत्याधुनिक तकनीक के तहत चार टर्नआउट और नौ ट्रैप लगाए गए हैं। जिससे ट्रेन रूट बदलने की प्रक्रिया अब स्वचालित और कुशल हो गई है।
ट्रेन रूट बदलना अब हुआ आसान
नई व्यवस्था से शंटिंग में लगने वाला समय घटेगा, जिससे प्लेटफॉर्म का उपयोग अधिक प्रभावी रूप से किया जा सकेगा। ट्रेनों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया अब कम समय में और अधिक सुरक्षित ढंग से पूरी हो सकेगी। रेलवे प्रशासन का मानना है कि इससे रेल नेटवर्क की क्षमता और गति में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
यात्रियों को मिलेगा बेहतर और सुरक्षित सफर का अनुभव
स्टेशन पर यात्री सुविधाओं के लिहाज से भी बड़ा सुधार किया गया है। प्लेटफॉर्म की संरचना, लाइटिंग, सूचना प्रणाली और रेलवे स्टाफ की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया गया है। इससे यात्रियों को अब अधिक सुरक्षित, सहज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। खासकर उन लोगों के लिए जो लंबे समय से इस स्टेशन से सफर करते आ रहे हैं।
हाई डेंसिटी ट्रैफिक को हैंडल करने में अब होगी आसानी
उत्तर रेलवे के इस कायाकल्प का मुख्य उद्देश्य है बढ़ते यात्री दबाव और रेल यातायात को बेहतर तरीके से नियंत्रित करना। डिजिटल इंटरलॉकिंग और अतिरिक्त लाइनें अब स्टेशन को हाई ट्रैफिक जोन में भी बेहतर संचालन की क्षमता प्रदान करेंगी। इससे खासकर त्योहारों और व्यस्त दिनों में ट्रेनों की लेटलतीफी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
25 करोड़ की लागत से 8 दिन में हुआ कायाकल्प
यह जानकर सभी को हैरानी हो सकती है कि यह पूरी परियोजना सिर्फ आठ दिनों में पूरी की गई है, जो कि रेलवे इंजीनियरिंग और प्रबंधन की दक्षता का उदाहरण बन गई है। उत्तर रेलवे ने इस काम को अत्यंत योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। जिससे नियमित ट्रेन संचालन पर असर न पड़े और काम भी समय पर पूरा हो जाए।
सराय रोहिल्ला स्टेशन को लेकर आगे की योजनाएं
रेलवे प्रशासन की योजना है कि भविष्य में इस स्टेशन को मेट्रो कनेक्टिविटी, डबल डेक प्लेटफॉर्म और स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा जाएगा। इससे यह स्टेशन न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक मॉडल स्टेशन बन सकेगा।