School Holiday: राजस्थान में मानसून इस बार कहर बनकर टूटा है. लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने प्रदेश के कई जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार को 15 जिलों में स्कूल बंद करने का फैसला लेना पड़ा. कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं, जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. इसके चलते लोगों की आवाजाही और रोजमर्रा की जिंदगी पर गहरा असर पड़ा है.
सवाई माधोपुर में हालात सबसे खराब
राजस्थान का सवाई माधोपुर जिला इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां के कई इलाकों में पानी की गहराई पांच फीट तक पहुंच गई है. तेज बहाव और भारी जलभराव के कारण NH-552 पर स्थित औगाड़ पुलिया बह गई है, जिससे श्योपुर (मध्य प्रदेश) से संपर्क पूरी तरह टूट गया है.
स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ रहा है. वहीं, सड़कों पर गाड़ी चलाना मुश्किल हो गया है क्योंकि जलभराव के कारण सड़कें नजर ही नहीं आ रहीं.
रेलवे पटरियों पर पानी, ट्रेनों का संचालन ठप
बारिश का असर रेल यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है. कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया है, जिससे ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया जा रहा है. खासतौर पर सवाई माधोपुर, कोटा और भरतपुर के आसपास के रूट पर रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हैं.
यात्रियों को स्टेशनों पर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है और वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करनी पड़ रही है.
24 घंटे में तीन इंच बारिश, कई नदियाँ उफान पर
पिछले 24 घंटों में बारां, अलवर, सवाई माधोपुर और भरतपुर में 1 से 3 इंच तक बारिश रिकॉर्ड की गई है. इतनी भारी बारिश के कारण बांधों और जलाशयों से पानी छोड़ा गया, जिससे नदी-नाले उफान पर आ गए हैं.
इसके चलते कई गांवों और कस्बों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है. प्रशासन द्वारा चेतावनी दी गई है कि लोग नदियों के पास जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.
बाढ़ जैसी स्थिति, राहत कार्य तेज
बारिश और जलभराव से बने बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए प्रशासन ने NDRF और SDRF की टीमें तैनात की हैं. कई क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चल रहा है. जहां पानी घरों में घुस चुका है, वहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को भी आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं.
बंद हुए स्कूल-कॉलेज, प्रशासन ने जारी किए आदेश
राज्य सरकार ने बारिश के प्रकोप से बचने और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 15 जिलों में स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है. जिन जिलों में स्कूल बंद किए गए हैं, उनमें सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, भरतपुर, अलवर, दौसा, धौलपुर, बूंदी, झुंझुनूं, करौली, टोंक, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ शामिल हैं.
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह बाहर न निकलें और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें.
ग्रामीण इलाकों में संपर्क पूरी तरह टूटा
तेज बारिश का असर सिर्फ शहरों में नहीं, ग्रामीण इलाकों में भी गंभीर है. कई गांवों में बिजली और संचार सेवाएं ठप हो गई हैं. कीचड़ और बहते पानी के कारण स्कूल व अस्पताल तक पहुंचना कठिन हो गया है.
खेतों में पानी भर जाने से फसलें खराब होने लगी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.
प्रशासन की ओर से क्या तैयारियां?
राज्य सरकार ने सभी जिलों में आपदा नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए हैं. जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हालात की निरंतर निगरानी करें और बचाव कार्यों में तेजी लाएं.
राजस्थान स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (RSDMA) ने बारिश प्रभावित जिलों को अतिरिक्त संसाधन और सहायता भेजने की तैयारी की है. साथ ही राजस्व विभाग और कृषि विभाग को नुकसान का आकलन करने के आदेश दिए गए हैं.
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 48 घंटों में राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में और तेज बारिश हो सकती है. खासतौर पर कोटा, उदयपुर, जयपुर, अजमेर और भरतपुर डिवीजन में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है.
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे कमजोर भवनों में न रहें, बिजली उपकरणों से दूरी बनाए रखें और स्थानीय प्रशासन के अलर्ट पर ध्यान दें.