22 july School Holiday: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और श्रद्धा का पावन समय होता है. वर्ष 2025 में यह 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान हर सोमवार और सावन शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. इस बार सावन शिवरात्रि को लेकर तारीखों में भ्रम बना हुआ था, लेकिन अब साफ हो गया है कि यह पर्व 23 जुलाई 2025, बुधवार को मनाया जाएगा.
कांवड़ यात्रा और श्रद्धालुओं की भीड़ से ट्रैफिक पर असर
सावन शिवरात्रि पर देशभर के शिवालयों में लाखों भक्त दर्शन और जलाभिषेक के लिए जुटते हैं. कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार, गंगोत्री जैसे तीर्थस्थलों से भक्त पैदल चलकर जल लाते हैं, जिसे वे शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. इस यात्रा के कारण सड़कों पर भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम होता है, जिससे आम जनजीवन विशेषकर छात्रों के स्कूल आना-जाना प्रभावित होता है.
स्कूलों में छुट्टी क्यों दी जाती है सावन शिवरात्रि पर?
हर साल इस अवसर पर कई राज्यों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की जाती है ताकि यात्रा और ट्रैफिक से छात्रों को परेशानी न हो. खासकर जहां कांवड़ यात्रा ज्यादा प्रभावी होती है या शिव मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ती है, वहां स्थानीय प्रशासन छुट्टी का निर्णय लेता है.
इन राज्यों में 23 जुलाई को रहेगी स्कूलों की छुट्टी
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा जैसे राज्यों में सावन शिवरात्रि के दिन स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है. विशेषकर उन जिलों में जहां कांवड़ यात्रा या मंदिरों में भीड़ अधिक रहती है.
इन जिलों में छुट्टी की पुष्टि हुई है:
- उज्जैन
- मेरठ
- मुजफ्फरनगर
- बदायूं
- हरिद्वार
- सहारनपुर
- गाजियाबाद
इसके अलावा कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को पहले ही नोटिस भेजकर छुट्टी की जानकारी दे दी है. लेकिन फिर भी सभी छात्रों और पेरेंट्स को सलाह दी जाती है कि स्कूल जाने से पहले छुट्टी की पुष्टि अवश्य कर लें.
छात्रों और पेरेंट्स के लिए जरूरी सलाह
जिन जिलों में छुट्टी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, वहां छात्र और अभिभावक निम्नलिखित तरीकों से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं:
- स्कूल के व्हाट्सएप ग्रुप या मोबाइल ऐप चेक करें
- स्कूल की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें
- क्लास टीचर से सीधा संवाद करें
सावन शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की स्मृति में मनाया जाता है. भक्त दिनभर व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं, और रातभर जागरण करते हैं.
मंदिरों में इस दिन होता है:
- रुद्राभिषेक
- भजन-कीर्तन
- विशेष पूजा
जागरण और भक्ति आयोजन
महिलाएं परिवार की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं, जबकि युवा अच्छे जीवनसाथी की कामना के लिए शिव की आराधना करते हैं.
प्रशासन की तैयारियां और यातायात प्रबंधन
कांवड़ यात्रा और शिवरात्रि के आयोजनों को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं. इनमें शामिल हैं:
- रूट डायवर्जन
- अस्थायी पार्किंग ज़ोन
- पुलिस बल की तैनाती
- सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था
- इन उपायों का उद्देश्य है कि भीड़ नियंत्रण में रहे और किसी प्रकार की दुर्घटना न हो.