School Closed: राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश और मौसम विभाग द्वारा जारी चेतावनी के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. राज्य के कई जिलों में बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं.
जिला कलेक्टरों द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, जहां-जहां बारिश का स्तर अधिक है या खतरा बना हुआ है, वहां 1 और 2 अगस्त को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.
चूरू में सभी कक्षाओं के लिए अवकाश घोषित
चूरू जिले में कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी शासकीय और गैर-शासकीय विद्यालयों में 1 अगस्त को अवकाश घोषित किया गया है. जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
अजमेर में एक दिन की छुट्टी, आंगनबाड़ी भी रहेंगी बंद
अजमेर कलेक्टर के निर्देश अनुसार, 1 अगस्त को जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में भी एक दिन की छुट्टी रहेगी. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय बच्चों को बरसात के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाने के लिए लिया गया है.
नागौर में दो दिन का अवकाश
नागौर जिले में 1 और 2 अगस्त को सभी स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित किया गया है. जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह अवकाश सभी सरकारी और निजी विद्यालयों पर लागू होगा. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशों की सख्त पालना सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए हैं.
झुंझुनूं में आंगनबाड़ी केंद्र बंद
झुंझुनूं जिले में भी 1 और 2 अगस्त को आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हालांकि, पोषाहार टेक होम राशन के रूप में वितरित किया जाएगा.
महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक बिजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि मानदेयकर्मी नियमित कार्य करते रहेंगे, ताकि राशन वितरण और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों.
झालावाड़ में स्कूल भवन की दीवार और छत गिरी
झालावाड़ जिले के बरूबेह भीलान गांव में स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में बारिश के कारण एक दीवार और छत का हिस्सा गिर गया.
गनीमत रही कि स्कूल प्रशासन ने पहले ही दरार पड़ी दीवार वाले कमरे को बंद कर दिया था, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
इस जिले में पहले से ही 2 अगस्त तक अवकाश घोषित किया गया था, इसलिए घटना के समय विद्यालय में कोई बच्चा मौजूद नहीं था. लेकिन यह घटना पुराने और जर्जर भवनों की हालत पर सवाल जरूर खड़े करती है.
बच्चों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने साफ किया है कि बारिश के दौरान स्कूल भवनों की स्थायित्व स्थिति को भी ध्यान में रखा जा रहा है. जहां भवन कमजोर या जर्जर स्थिति में हैं, वहां मौके पर निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों की सुरक्षा को किसी भी हालत में खतरे में न डाला जाए.
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने आगामी दिनों में अभी और बारिश का अनुमान जताया है. यदि तेज बारिश और जलभराव की स्थिति बनी रही तो कई अन्य जिलों में भी छुट्टियों की अवधि बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही विद्यालयों की इमारतों का ऑडिट और बचाव योजनाएं भी तेज़ी से क्रियान्वित की जा रही हैं.