Canal Renovation: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चरखी दादरी जिले के किसानों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. उन्होंने बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी के पुनर्निर्माण के लिए 41.30 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिली है. यह सिंचाई परियोजना क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
क्या है बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी परियोजना?
बधवाना डिस्ट्रीब्यूटरी चरखी दादरी जिले की एक प्रमुख सिंचाई नहर है. इसका निर्माण 1971-72 में 176 क्यूसेक की डिज़ाइन क्षमता के साथ किया गया था. यह नहर लोहारू फीडर के RD 42400-एल पर स्थित है और इसका उद्देश्य आसपास के गांवों को सिंचाई और पेयजल सुविधा देना है.
कब तक पूरी होगी यह परियोजना?
सरकार ने परियोजना की अंतिम समयसीमा 31 दिसंबर, 2026 तय की है. इस समय के भीतर पूरी नहर का पुनर्निर्माण किया जाएगा ताकि किसानों को बेहतर जल आपूर्ति मिल सके और तालाबों को भरने में भी सहायता मिले.
इन गांवों को मिलेगा सीधा लाभ?
यह डिस्ट्रीब्यूटरी क्षेत्र के कई गांवों को सीधा सिंचाई और पीने का पानी मुहैया कराती है. इसके अंतर्गत आने वाले प्रमुख गांव हैं:
- इमलोटा
- कन्हेटी
- मोरवाला
- सरूपगढ़
- सटोर
- भागवी
- समसपुर
- ढाणी फोगाट
- टिकन कलां
- घसोला
- कलियाणा
- मंडोला
- कलाली
- बलाली
- दुधवा
और आसपास के अन्य गांव
इन सभी इलाकों को प्राकृतिक जल संकट से निजात मिलने की उम्मीद है.
क्यों जरूरी है यह नहर का पुनर्निर्माण?
चरखी दादरी और बाढड़ा निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र रेतीली जमीन वाले हैं, जहां जल संरक्षण और सिंचाई की काफी आवश्यकता होती है. पिछले कई वर्षों से यह डिस्ट्रीब्यूटरी जर्जर स्थिति में थी, जिससे पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी.
नहर के पुनर्निर्माण से:
- सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी
- तालाबों का जल स्तर संतुलित रहेगा
- गांवों में पीने के पानी की सुविधा में सुधार होगा
- कृषि उत्पादकता बढ़ेगी
जल संकट से निपटने की रणनीति का हिस्सा
यह परियोजना हरियाणा सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत जल संकट से निपटने और सस्टेनेबल वॉटर मैनेजमेंट को बढ़ावा देने की योजना है. नहरों के माध्यम से जल आपूर्ति बढ़ाने से भूजल दोहन पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा.
मुख्यमंत्री की सोच
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि राज्य सरकार कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूती देने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सिंचाई और जल प्रबंधन में निवेश को वह किसानों के जीवन को बदलने वाला कदम मानते हैं.
भविष्य में क्या हो सकते हैं लाभ?
- कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी
- फसल विविधीकरण की संभावनाएं
- खरीफ और रबी फसलों को बेहतर पानी की उपलब्धता
- गांवों में जल संकट का समाधान
- रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा