LPG E-KYC: एलपीजी गैस कनेक्शनधारियों के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है. अब ई-केवाइसी (E-KYC) करवाना अनिवार्य कर दिया गया है और इसकी अंतिम तिथि 30 जुलाई 2025 तय की गई है.
यदि निर्धारित समय सीमा तक ई-केवाइसी पूरी नहीं हुई, तो उपभोक्ताओं का गैस कनेक्शन रद्द किया जा सकता है और सब्सिडी पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है.
पहले 30 जून थी अंतिम तिथि, अब 30 जुलाई तक बढ़ाई गई
इससे पहले ई-केवाइसी की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई थी, लेकिन कम प्रगति को देखते हुए सरकार ने इसे 30 जुलाई तक बढ़ा दिया है. इसके पीछे उद्देश्य है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता अपना डिजिटल सत्यापन करवा लें.
- जिले में इंडियन ऑयल की 25 एजेंसियों से जुड़े 1.97 लाख उपभोक्ताओं में से केवल 45% ने ही अब तक ई-केवाइसी करवाई है.
- HP की 3 और भारत गैस की 6 एजेंसियों के 83 हजार उपभोक्ताओं में से सिर्फ 33 हजार ने ई-केवाइसी पूरी की है.
- यह स्थिति दर्शाती है कि जागरूकता की भारी कमी है.
वेंडर नहीं करवा रहे KYC, उपभोक्ता हैं परेशान
गैस एजेंसियों ने अपने वेंडरों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे गैस डिलीवरी के समय उपभोक्ताओं की ई-केवाइसी भी पूरी करवाएं.
लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकांश वेंडर केवल सिलेंडर देकर केवाइसी की जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं. इससे न केवल उपभोक्ताओं को समस्या हो रही है, बल्कि उज्ज्वला योजना का लाभ भी खतरे में पड़ सकता है.
उज्ज्वला योजना के लाभार्थी होंगे सबसे ज्यादा प्रभावित
जिले में लगभग डेढ़ लाख उपभोक्ता उज्ज्वला योजना के अंतर्गत LPG सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि:
- पहले केवाइसी न कराने वालों को सब्सिडी से वंचित किया जाएगा.
- फिर भी यदि KYC नहीं हुई तो कनेक्शन भी काटा जा सकता है.
- इस निर्णय का उद्देश्य गैस वितरण व्यवस्था को पारदर्शी और दुरुस्त बनाना है.
जागरूकता की भारी कमी
- ई-केवाइसी जैसी अहम प्रक्रिया को लेकर सरकारी स्तर पर कोई व्यापक जागरूकता अभियान नहीं चलाया जा रहा है.
- खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने भी गैस एजेंसियों को कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया.
- शहरी क्षेत्र में 55 हजार गैस उपभोक्ता हैं, लेकिन अभी तक केवल 35 हजार ने ही केवाइसी करवाई है.
- शेष 20 हजार उपभोक्ता इस प्रक्रिया से बिलकुल अनजान या निष्क्रिय बने हुए हैं.
एजेंसियां दे रही हैं KYC की ट्रेनिंग
- कुछ गैस एजेंसी संचालकों ने अपने कर्मचारियों को ई-केवाइसी प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी है ताकि काम को सरल और तेज बनाया जा सके.
- लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर है — वहां एजेंसियों में तकनीकी सुविधा की कमी, कम स्टाफ और जागरूकता की भारी कमी है.
क्या करें उपभोक्ता?
- अगर आप भी एलपीजी गैस कनेक्शनधारी हैं तो इन बातों का तुरंत पालन करें:
- अपनी गैस एजेंसी या वेंडर से संपर्क कर तुरंत ई-केवाइसी पूरी करें.
- यदि एजेंसी सहयोग नहीं कर रही तो निकटतम वितरक कार्यालय जाकर प्रक्रिया पूरी करें.
- अगर आप उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं, तो यह और भी जरूरी हो जाता है.
- एजेंसी द्वारा भेजे गए SMS, WhatsApp या नोटिस को गंभीरता से लें.